छत्तीसगढ़ के रायपुर में 3 साल के बच्चे की गला घोंटकर हत्या कर दी गई. नाबालिग बच्चा अपने पिता के रिश्ते में लगने वाले भाई के घर में गया हुआ था, जब वो काफी समय तक घर नहीं लौटा तो घरवालों ने काफी देर तक उसकी खोजबीन की. खोजने पर बच्चे का शव घर से 500 मीटर की दूरी पर झाड़ियों में पड़ा हुआ मिला.
बच्चे के पिता खेमन ने पुलिस में रिपोर्ट दर्ज कराई तो शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया गया. पुलिस की शक की सूई खेमन के दूर के भाई पर थी. पुलिस ने रोहित को पकड़ा और उससे पूछताछ की. पूछताछ में हत्या की कुछ खास वजह सामने नहीं आई. इसके बाद रोहित को पुलिस ने छोड़ दिया. इसके बाद पुलिस ने कॉलोनी के सुरक्षा गार्ड से पूछताछ की. गार्ड ने बताया कि उसने रोहित को मृतक पूर्णेश के पीछे-पीछे जाते हुए देखा था. पुलिस ने एक बार फिर से रोहित को पकड़ा और कड़ाई से पूछताछ की. कुछ समय बाद रोहित ने पूर्णेश की हत्या की बात को स्वीकार कर लिया.
पिता का बदला बेटे से लिया
डेढ़ साल पहले मृतक पूर्णेश के पिता ने रोहित के खिलाफ चोरी का आरोप लगाया था. तभी से रोहित को सब चोर-चोर कहकर बुलाते थे. वो किसी भी तरह से उससे बदला लेने की फिराक में था. बदला लेने के लिए उसने खेमन के बेटे को मारने का प्लान बनाया और उसकी गला घोंटकर हत्या कर दी.
खेमन वीआईपी सिटी में रूम लेकर परिवार के साथ रहा करता था. खेमन की एक बेटी और बेटा था, जिसमें उसकी बेटी दुर्गेश्वरी की उम्र 5 साल और बेटे की 3 साल की थी. डेढ़ साल पहले हुई चोरी के मामले में खेमन ने रोहित के नाम केस दर्ज कराया था. पुलिस ने रोहित को उस समय पकड़ लिया था. इसी बात से नाराज होकर पुलिस ने खेमन को पकड़ लिया